दुबई: शुक्रवार रात दुबई मरीना (Dubai Marina) में स्थित एक 67-मंज़िला रिहायशी टॉवर में भीषण आग लग गई, जिससे हज़ारों लोगों में अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि करीब 4,000 निवासियों को इमारत से बाहर निकालना पड़ा, और हैरान करने वाली बात यह रही कि अलार्म सिस्टम ने काम नहीं किया। इस गंभीर लापरवाही और सुरक्षा चूक को लेकर अब प्रशासनिक जांच शुरू हो चुकी है।
आग लगने की घटना: भय और भ्रम का माहौल
प्रत्यक्षदर्शियों और निवासियों के अनुसार, यह भयावह घटना रात करीब 9:45 बजे शुरू हुई जब कुछ लोगों ने इमारत में धुआं महसूस किया। कई लोगों ने बताया कि उन्हें अलार्म की कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी, बल्कि दोस्तों या पड़ोसियों की कॉल आने के बाद ही उन्हें आग की जानकारी मिली।
एक निवासी ने बताया:
“मैं और मेरी पत्नी 24वीं मंज़िल पर थे जब हमें कुछ जलने की गंध आई। हमने पहले तो सोचा कि शायद रसोई से गंध आ रही हो, लेकिन कुछ असामान्य नहीं लगा। फिर हमने बालकनी से बाहर झाँककर देखा तो दमकल की गाड़ियाँ और लोग बाहर जमा थे। तभी एक दोस्त का फोन आया जिसने बताया कि वह इमारत में प्रवेश नहीं कर पा रहा है क्योंकि वहां आग लगी हुई है। जब हमने सिक्योरिटी से संपर्क किया तब हमें बाहर निकलने को कहा गया।”
दमकल कर्मियों ने घंटों की मेहनत से पाया काबू
दुबई सिविल डिफेंस की कई दमकल टीमों ने मौके पर पहुंच कर घंटों की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया। आग ने तेजी से ऊपरी मंजिलों को चपेट में ले लिया था, लेकिन दमकल विभाग की तत्परता से आग को आस-पास की इमारतों तक फैलने से रोक दिया गया।
हालांकि किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अब तक अधिकारियों ने आग के कारण या संभावित घायलों की जानकारी साझा नहीं की है।
अलार्म फेल और प्रबंधन की चुप्पी पर उठे सवाल
इस दुर्घटना के बाद सुरक्षा उपायों को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इतनी ऊंची रिहायशी इमारत में फायर अलार्म सिस्टम का काम न करना न सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि इसके पीछे गंभीर लापरवाही की आशंका भी जताई जा रही है। कई निवासियों ने बताया कि सीढ़ियाँ धुएं से भर गई थीं और उन्होंने लिफ्ट का सहारा लेकर जान बचाई, जो एक जोखिम भरा कदम था।
रात भर सड़कों पर बिताई
घटना के बाद हज़ारों लोग अपने परिवारों के साथ सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हो गए। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों की ओर से तुरंत कोई सहायता नहीं मिलने पर लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी भी जताई।
एक और निवासी ने कहा:
“हम बच्चों के साथ नीचे भागे लेकिन कोई भी निर्देश नहीं मिल रहे थे। हमें नहीं पता था कहाँ जाना है, क्या करना है। इमारत प्रबंधन की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई।”
प्रशासनिक जांच शुरू, मदद के प्रयास जारी
दुबई प्रशासन ने इस घटना को गंभीर मानते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। यह जांच यह पता लगाने के लिए की जा रही है कि आग कैसे लगी, और सुरक्षा उपायों में क्या खामियाँ रहीं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि जिन लोगों के घर आग में क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की जा रही है।

दुबई की गगनचुंबी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना दुबई में मौजूद हज़ारों ऊंची इमारतों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल बनकर उभरी है। दुबई मरीना जैसे आलीशान और आधुनिक इलाके में भी अगर सुरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर साबित होती है, तो अन्य इमारतों की स्थिति की कल्पना करना कठिन नहीं है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि अब हर रिहायशी और व्यावसायिक इमारत की सुरक्षा प्रणाली की तुरंत जाँच होनी चाहिए। इसके अलावा, इमरजेंसी ड्रिल्स और निवासियों को जागरूक करना भी अनिवार्य हो गया है।
निष्कर्ष
दुबई मरीना में लगी यह आग न सिर्फ एक हादसा है, बल्कि यह सिस्टम की विफलता और मानव जीवन की अनदेखी का उदाहरण भी है। जब तक इमारतों में विश्वसनीय सुरक्षा व्यवस्था और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता।