IDBI बैंक के शेयर में जबरदस्त तेजी: 4 हफ्तों में 36% की उछाल, जानिए क्या है वजह?

IDBI बैंक📅 5 जून 2025 | शेयर मार्केट न्यूज़

IDBI बैंक के शेयरों ने बीते कुछ हफ्तों में ज़बरदस्त तेजी दिखाई है। पिछले 4 हफ्तों में यह शेयर 36% तक चढ़ चुका है, और आज यानी गुरुवार को बीएसई पर ₹104.40 का उच्चतम स्तर छू गया।

📊 IDBI बैंक शेयर प्राइस आज

गुरुवार सुबह 9:59 बजे तक यह शेयर 2% की तेजी के साथ ₹102.45 पर ट्रेड कर रहा था, वहीं BSE Sensex में केवल 0.52% की बढ़त देखी गई। NSE और BSE पर मिलाकर सिर्फ पहले 45 मिनट में ही 14.57 मिलियन शेयरों की भारी ट्रेडिंग दर्ज की गई।

📈 52-वीक हाई के करीब

IDBI बैंक का मौजूदा शेयर प्राइस 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर ₹107.98 के बेहद करीब है, जो 29 जुलाई 2024 को छुआ गया था। मार्च 2025 में इसने ₹66.14 का लो टच किया था, और अब वहां से 58% की रिकवरी हो चुकी है

idbi bank

🔹 1. IDBI बैंक का निजीकरण (Privatization Boost)

भारत सरकार बीते ढाई सालों से IDBI बैंक के निजीकरण पर काम कर रही है। अक्टूबर 2022 में DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) ने 60.72% हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रस्ताव जारी किया था, जिसमें भारत सरकार की 30.24% और LIC की 30.48% हिस्सेदारी शामिल है।

हाल ही में DIPAM सचिव अरुणीश चावला ने बताया कि IDBI बैंक की वैल्यूएशन के लिए एसेट वैल्यूअर्स की नियुक्ति हो चुकी है और संभावित खरीदारों के साथ शेयर परचेज एग्रीमेंट पर विचार चल रहा है।

🔹 2. विदेशी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी

भारतीय बैंकिंग सेक्टर में विदेशी बैंकों की रुचि तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ऐसे नियमों पर विचार कर रहा है जो विदेशी बैंकों को भारत में अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति दे सकते हैं।

इस रुचि के पीछे मुख्य वजह है भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और कम बैंकिंग कवरेज, जो विदेशी बैंकों के लिए बड़े अवसर की संभावना दिखाते हैं।

“भारत की मजबूत ग्रोथ और बड़े स्तर पर अंडर-पेनेट्रेटेड बैंकिंग सिस्टम विदेशी बैंकों को आकर्षित कर रहा है।”
माधव नायर, डिप्टी चेयरमैन, Indian Banks Association

🔹 3. बड़े निवेशक होड़ में

IDBI बैंक की हिस्सेदारी खरीदने के लिए Canada की Fairfax Holdings और दुबई की Emirates NBD जैसी दिग्गज कंपनियां रेस में हैं। Emirates को भारत में सब्सिडियरी खोलने की मंज़ूरी भी मिल चुकी है — जो इसे DBS (सिंगापुर) और State Bank of Mauritius के बाद ऐसा करने वाला तीसरा विदेशी बैंक बनाता है।

🔹 4. नियामकीय बदलाव की संभावना

वर्तमान नियमों के तहत:

  • एक विदेशी रणनीतिक निवेशक अधिकतम 15% हिस्सेदारी ही खरीद सकता है।

  • वोटिंग राइट्स की सीमा 26% पर है।

  • किसी प्रमोटर को 15 साल में अपनी हिस्सेदारी 26% तक घटानी होती है।

हालांकि, RBI अब इन नियमों में लचीलापन दिखाने को तैयार है। Yes Bank की डील इसका उदाहरण है, जहां विशेष छूट दी गई थी।

idbi bank
idbi bank

🔹 1. निजीकरण की प्रक्रिया में तेजी

IDBI बैंक के निजीकरण को लेकर सरकार बीते ढाई सालों से सक्रिय है। अक्टूबर 2022 में DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) ने 60.72% हिस्सेदारी की बिक्री के लिए इच्छुक कंपनियों से आवेदन मंगवाए थे। इसमें भारत सरकार और LIC दोनों की हिस्सेदारी शामिल है।

हाल ही में DIPAM सचिव अरुणीश चावला ने बताया कि वैल्यूएशन प्रक्रिया जारी है और शेयर परचेज एग्रीमेंट को लेकर भी चर्चा हो रही है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय बैंकिंग सेक्टर में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। Fairfax Holdings (कनाडा) और Emirates NBD (दुबई) जैसे दिग्गज निवेशक IDBI बैंक में 60% हिस्सेदारी लेने की रेस में हैं।

Emirates NBD को भारत में सब्सिडियरी खोलने की मंज़ूरी भी मिल चुकी है — जो इसे DBS (सिंगापुर) और State Bank of Mauritius के बाद ऐसा करने वाला तीसरा प्रमुख विदेशी बैंक बनाता है।

🔹 3. नियमों में संभावित बदलाव

RBI कुछ ऐसे बदलावों पर विचार कर रहा है जो विदेशी निवेशकों के लिए भारत के बैंकों में हिस्सेदारी लेना आसान बना सकते हैं। 15% की सीमा, 26% वोटिंग राइट्स जैसी बाधाओं में नरमी संभव है, खासकर यदि निवेशक मजबूत गवर्नेंस और परफॉर्मेंस के साथ आते हैं।


💬 विश्लेषकों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और अंडर-पेनेट्रेटेड बैंकिंग सेक्टर विदेशी बैंकों को आकर्षित कर रहा है।

माधव नायर, डिप्टी चेयरमैन, Indian Banks Association के अनुसार:

“भारत की ग्रोथ और बड़ी आबादी वाले मार्केट को देखते हुए विदेशी बैंकों की रुचि स्वाभाविक है।”

 IDBI बैंक
idbi bank

मूडीज की Alka Anbarasu ने कहा:

“भारत के बैंकिंग सिस्टम को मीडियम टर्म में बड़े पैमाने पर पूंजी की आवश्यकता होगी, ऐसे में इंटरनेशनल प्लेयर्स को लाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।”


निष्कर्ष

IDBI बैंक के शेयर में हालिया तेजी के पीछे सरकारी निजीकरण प्रक्रिया, विदेशी निवेशकों की रुचि, और नियमों में संभावित बदलावों की अहम भूमिका है। निवेशकों को इस शेयर पर निकट भविष्य में और गतिविधि देखने को मिल सकती है।

Home

pls visit

more info


Leave a Comment