Indian The Reserve Bank of India’s (RBI) monthly bulletin released on May said that the global growth outlook remains fragile despite the US has paused tariffs, which provided some relief.
The global growth continues to face headwinds with persistent trade frictions, heightened policy uncertainty, and weak consumer sentiment weighing on the outlook.
Despite this, the Indian economy is exhibiting resilience even after high trade and tariff-related uncertainty, bulletin said.
“Various high frequency indicators of industrial and services sectors sustained their momentum in April,” bulletin added.
On April 9, US President Donald Trump announced a 90-day ‘pause’ on reciprocal tariffs for all countries except China. This is set to act as a major relief to the markets, which earlier crashed after the tariff announcement on April 2.
Trump made his ‘Liberation Day’ announcement and unveiled 26 percent tariff on India on April 2.
The optimism on domestic growth, along with the news of a temporary freeze on tariff measures by the US, led to a significant recovery of financial markets by mid-April, bulletin said.
The domestic equity market, which declined initially in response to the tariff announcements by the US, gained momentum in the second half of April in the wake of robust corporate earnings reports for Q4:2024-25 by some banking and financial sector companies, bulletin added.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के मई 2025 के मासिक बुलेटिन के अनुसार, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय लचीलापन प्रदर्शित किया है। जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाएं व्यापार तनाव, नीति अनिश्चितता और कमजोर उपभोक्ता विश्वास के कारण मंदी का सामना कर रही हैं, भारत ने स्थिर आर्थिक प्रगति बनाए रखी है।
वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की मजबूती
RBI ने बताया कि वैश्विक व्यापार और शुल्क से संबंधित अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। उच्च आवृत्ति वाले संकेतकों ने अप्रैल में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में गति बनाए रखी, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक दबावों के बावजूद स्थिर है।
मुद्रास्फीति में गिरावट और मौद्रिक नीति
मुद्रास्फीति के मोर्चे पर, अप्रैल 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 3.16% तक गिर गया, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। यह RBI के 4% लक्ष्य से नीचे है, जिससे केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती का अवसर मिला है। RBI ने अप्रैल में लगातार दूसरी बार अपनी प्रमुख नीति दर में कटौती की, जिससे आर्थिक गति को समर्थन मिला।
कृषि और मानसून की भूमिका
RBI ने जोर दिया कि रबी फसल की बंपर पैदावार और खरीफ फसलों के लिए अधिक क्षेत्रफल, साथ ही 2025 के लिए अनुकूल मानसून पूर्वानुमान, कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत हैं। इससे ग्रामीण मांग और समग्र आर्थिक स्थिरता को समर्थन मिलेगा।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका
RBI के अनुसार, भारत वैश्विक व्यापार पैटर्न और औद्योगिक नीतियों में बदलाव के बीच “कनेक्टर देश” की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। विशेष रूप से प्रौद्योगिकी, डिजिटल सेवाओं और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में, भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकता है, जिससे इसकी आर्थिक प्रभावशीलता और व्यापारिक संबंधों में वृद्धि होगी।
निष्कर्ष
RBI के बुलेटिन से स्पष्ट है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद लचीली और स्थिर बनी हुई है। मजबूत घरेलू मांग, नियंत्रित मुद्रास्फीति, अनुकूल कृषि परिस्थितियाँ और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बढ़ती भागीदारी भारत को वैश्विक आर्थिक विकास में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित कर रही हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप RBI के मई 2025 के बुलेटिन को पढ़ सकते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के मई 2025 के मासिक बुलेटिन में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य भले ही कमजोर और अनिश्चित हो, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार मजबूती और लचीलापन दिखाया है। कई वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं जैसे अमेरिका, यूरोप और चीन आर्थिक मंदी, व्यापार बाधाओं, वित्तीय अस्थिरता और बढ़ती भू-राजनीतिक तनावों से जूझ रही हैं। इसके विपरीत, भारत में आर्थिक गतिविधियां स्थिर बनी हुई हैं और विकास की गति बरकरार है।